लंदन. मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साथियों समेत भारत में शरण देने की अपील की है। हुसैन 1992 से ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे हैं। हुसैन के खिलाफ ब्रिटेन में रहकर पाकिस्तानी सैन्य संस्थानों और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ लोगों को भड़काने का मामला दर्ज है। पाकिस्तान की बड़ी पार्टियों में शुमार एमक्यूएम पर हुसैन की अच्छी पकड़ मानी जाती है।
हुसैन ने कहा, ‘‘अगर भारत के प्रधानमंत्री मोदी भारत आने की अनुमति देते हैं और मुझे मेरे सहयोगियों के साथ शरण उपलब्ध करवाते हैं तो मैं वहां आने के लिए तैयार हूं। मेरे दादा और हजारों संबंधी वहां दफन हैं, मैं उनकी कब्रों पर जाना चाहता हूं। मैं एक शांतिपूर्ण व्यक्ति हूं। मैं वादा करता हूं कि मैं किसी भी प्रकार से राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करूंगा, कृपया मुझे मेरे साथियों के साथ भारत में रहने की इजाजत दें।’’
इस साल 11 जून को गिरफ्तार हुए थे अल्ताफ
लंदन में अल्ताफ पर कुछ मामले दर्ज हैं। हुसैन पर पाकिस्तान के अपने समर्थकों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाने का आरोप है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस काउंटर टेररिज्म के समन के बाद उन्हें लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट के समक्ष पेश होना पड़ा था। उन्हें इस साल 11 जून को गिरफ्तार भी किया गया। बाद में वे जमानत पर रिहा कर दिए गए थे।
एमक्यूएम मुख्य रूप से उर्दू भाषी लोगों की पार्टी
अल्ताफ की पार्टी का मुख्य केंद्र पाकिस्तान का कराची माना जाता है। हुसैन ने 22 अगस्त 2016 को एक भाषण दिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कराची स्थित एक मीडिया कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। एमक्यूएम मुख्य रूप से उर्दू भाषी या बंटवारे के बाद भारत से आकर पाकिस्तान में बसे लोगों की पार्टी मानी जाती है। पार्टी का कराची और इसके आसपास के क्षेत्रों में तीन दशकों तक दबदबा रहा।