खूजा । मनुष्य भगवान से प्रेम करते हैं, उनके जीवन में कभी संकट नहीं होते । भगवान अपने भक्तों का संकट अपने ऊपर ले लेते हैं। यह विचार ग्राम उड़ीना के गढ़ी सरकार पर चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन कथा वाचक साध्वी भाग्यश्री देवी ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहाकि सच्ची मित्रता श्रीकृष्ण की तरह करना चाहिए । जिन्होंने अपने बालसखा की सभी परेशानियां मिलते ही दूर कर दी। कथा श्रवण कर रहे श्रोता भी सुदामा चरित्र प्रसंग सुनकर भाव विभोर हो गए। कथा के अंत में भागवत पुराण की आरती उतारी गई। तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया।
रामलीला में हुआ सीता हरण
ग्राम बडेरा सोपान में चल रही श्रीरामलीला में मारीच वध और सीताहरण की लीला का मंचन हुआ । कलाकारों ने रामलीला में शानदार मंचन कर प्रसंग को सजीव कर दिया। इसे देखकर मौजूद ग्रामीण दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। रामलीला में पंचवटी में राम, सीता और लक्ष्मण का कुटिया बनाकर रहना, वहां रावण की बहन सूर्पनखा का आना, लक्ष्मण द्वारा उसकी नाक कान काटने सहित साधु के वेश में भिक्षा मांगने आए रावण द्वारा सीता का हरण करने के प्रसंग का मंचन किया।